राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान विधेयक 2019
लोकसभा ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019 को मंजूरी दी* इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य देश में मेडिकल शिक्षा (medical education) व्यवस्था को दुरुस्त और पारदर्शी बनाना है. इस विधेयक का उद्देश्य है कि देश में एक ऐसी मेडिकल शिक्षा की ऐसी प्रणाली बनाई जाए जो विश्व स्तर की हो. लोकसभा ने 29 जुलाई 2019 को ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक संघीय स्वरूप के खिलाफ है. लोकसभा में इससे पहले संपूर्ण विपक्ष ने इस विधेयक को लेकर गरीब-विरोधी और सामाजिक न्याय एवं सहकारी संघवाद के खिलाफ करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे थे. इस विधेयक के तहत राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग को समाप्त कर, उसके स्थान पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का गठन किया जायेगा. केंद्र सरकार ने मेडिकल शिक्षा को विश्व स्तरीय बनाने के उद्देश्य से ये बिल लेकर आई है. कानून बन जाने पर यह विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) कानून 1956 की जगह ले लेगा. इस विधेयक